मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की गौवंश के प्रति संवेदनशीलता, सम्मान और करूणा को प्रकट करते हुए सरकार ने समाज में इनके कल्याण के प्रति उचित दृष्टिकोण रखने को लेकर स्वतंत्ररूप से विचरण करने वाले गौवंश को सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा मानते हुए राजपत्र अधिसूचना जारी की है। इस अधिसूचना में गौवंश को सम्मान देते हुए कहा है कि अब प्रदेश में इन्हे आवारा नहीं कह कर निराश्रित कहा जाये।
गोपालन विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा ने 27 नवम्बर को एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों और जिला स्तरीय गोपालन समिति के अध्यक्षों को कहा है कि गौवंश को सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है और इनके लिये आवारा शब्द के उपयोग को अपमानजनक और सांस्कृतिक मूल्यों के विपरित माना गया है। प्रदेश में अब गायों के लिए निराश्रित अथवा बेसहारा शब्द का उपयोग किया जाएगा। वहीं सभी सरकारी आदेशों, दिशा-निर्देशों, सूचना पत्र, परिपत्र और रिपोर्ट में ‘आवारा’ शब्द की जगह निराश्रित गौवंश का उपयोग किया जाएगा।