मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में राजस्थान के चयनित अभ्यर्थियों का सम्मान कर बधाई दी और विश्वास व्यक्त किया है कि वे सभीअमृत काल के योद्धा के रूप में विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने में अपना योगदान देंगे और उत्कृष्ट लोक सेवा के माध्यम से हमेशा राजस्थान का नाम देशभर में रोशन करेंगे।
श्री शर्मा ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित सम्मान समारोह कोसंबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ने पिछले वर्ष से चयनित प्रतिभाओं के सम्मान की पहल की है। देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माने जाने वाली यह परीक्षा पास करके प्रदेश के युवाओं ने अपने माता-पिता के साथ ही क्षेत्र और पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा किइस सफलता के बाद जीवन में बेहतर कार्य करते हुए परिजनों की खुशी के भाव को जीवन में आगे भी बनाएं रखें।
मुख्यमंत्री ने ‘कर्ता के आगे हारे करतार‘ उक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है और दृढ़ संकल्प के साथ की गई मेहनत से सफलता अवश्य मिलतीहै। उन्होंने कहा किइस प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता के बाद भी चयनित युवाओं के जीवन में नए परिश्रम का दौर शुरू होगा। क्योंकि राष्ट्र निर्माण और गरीब कल्याण में लोक सेवक की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं। उन्होंने जीवन में विनम्रता और धैर्य को अपनाते हुए आमजन की आकांक्षाओं को पूरा करने का आह्वान किया।
श्री शर्मा ने कहा कि लोक सेवक प्रशासन के कर्णधार हैं और लोक सेवा का महत्व हमारे समाज और राष्ट्र के लिए असीमित है। इसलिए लोक सेवकों का नवाचारी होना महत्वपूर्ण है, ताकि आम लोगों को बेहतर नागरिक-केंद्रित सेवाएं प्रदान की जा सकें। उन्होंने आह्वान किया किहमारे प्रदेश की मिट्टी ने हमेशा से वीरों, विद्वानों और कर्मठ लोगों को जन्म दिया है और अब वे सभी भी अपनी सेवा के माध्यम से गौरवमयी मिट्टी की खुशबू को फैलाएं औरकर्मभूमि के साथ ही जन्मभूमि से जुड़े रहे। समारोह में जयपुर निवासी दृष्टिबाधित मनु गर्ग ने मुख्यमंत्री से संवाद करते हुए बताया कि उन्होंने दृष्टिबाधित होने के बावजूद सिविल सेवा परीक्षा में देशभर में 91वां स्थान हासिल किया है। उन्होंने अपनी इस सफलता का मूल मंत्र अपनी माताजी के संकल्प को बताया। वहीं देशभर में 20वां स्थान हासिल करने वाले जोधपुर निवासी त्रिलोक सिंह ने बताया कि लोक सेवक के रूप में वे भारतीय सेना में सेवा दे चुके अपने पिता द्वारा दी गई प्रेरणा को आगे बढ़ाएंगे। मुख्यमंत्री ने चयनित प्रतिभाओं को शॉल ओढ़ाकर और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया।