मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार विकसित राजस्थान के संकल्प को साकार करने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। इसमें ऊर्जा एवं नगरीय विकास विभाग की अहम भूमिका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बिजली तंत्र और शहरी बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए केन्द्र सरकार से राज्य सरकार को भरपूर सहयोग प्राप्त हो रहा है। हमारी डबल इंजन की सरकार जनकल्याणकारी योजनाओं को सफलतापूर्वक धरातल पर उतार रही है, जिससे प्रदेश की 8 करोड़ जनता को लाभ मिल रहा हैं।
मुख्यमंत्री ने को मुख्यमंत्री आवास पर केन्द्रीय आवास, शहरी कार्य एवं विद्युत मंत्री मनोहर लाल के साथ ऊर्जा एवं नगरीय विकास विभाग की राज्य स्तरीय समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि केन्द्र और राज्य सरकार की संयुक्त परियोजनाओं को केन्द्र के साथ समन्वय बनाते हुए समयबद्ध रूप से पूरा करें। श्री शर्मा ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि हम राज्य के किसानों को वर्ष 2027 तक दिन में बिजली देने के लक्ष्य के साथ कार्य कर रहे है। इस लक्ष्य को हासिल करने में पीएम कुसुम योजना की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत राज्य में कम समय में ही लगभग 800 मेगावाट के विकेन्द्रीकृत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हुए हैं। श्री शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि उपभोक्ताओं को पर्याप्त विद्युत आपूर्ति के लिए उत्पादन इकाइयों एवं प्रसारण तंत्रों का उचित रख-रखाव सुनिश्चित किया जाए।
समीक्षा के दौरान केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राजस्थान विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में खासतौर से अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में राज्य में बेहतरीन कार्य किया जा रहा है। पीएम कुसुम योजना और पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में राज्य सरकार ने उल्लेखनीय प्रगति की है। केन्द्रीय मंत्री ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम द्वारा दिसम्बर माह तक 355 करोड़ रूपये से अधिक का लाभ अर्जित करने पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि पीक ऑवर्स में उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य में पंप स्टोरेज और बैटरी स्टोरेज की क्षमता को तेजी से विकसित किया जाए।
उन्होने कहा कि प्रत्येक नगर निकाय में सीवरेज अनिवार्य रूप से हो और आवश्यकतानुसार पुराने और जर्जर सीवरेज को बदलने व एलाइनमेंट ठीक करने के कार्य भी किए जाएं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा जरूरतमंद लोगों की मदद और अनुपयोगी वस्तुओं के पुनः उपयोग के लिए शुरू किये गए मुख्यमंत्री सद्भावना केन्द्र को अच्छी पहल बताते हुए इसकी सराहना की। इस दौरान नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा, ऊर्जा राज्य मंत्री हीरालाल नागर सहित संबंधित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।