मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि कर्मचारी हमारे राज्य की महत्वपूर्ण कड़ी है तथा सरकार और कर्मचारी का संबंध प्रगाढ़ होता है। हमारी प्राथमिकता है कि कर्मचारियों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। उन्होंने कहा कि विकसित और खुशहाल राजस्थान के लक्ष्य के लिए कार्मिक समर्पण एवं सेवाभाव के साथ काम करें और आगामी बजट 2025-26 में कर्मचारी संगठनों से प्राप्त सुझावों को परीक्षण कर यथासंभव शामिल किया जाएगा।
श्री शर्मा गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में कर्मचारी संघों के साथ बजट पूर्व संवाद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य की 8 करोड़ जनता की आशा और आंकाक्षाओं को पूरा करने में कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि गत एक वर्ष में राज्य सरकार ने राज्य में बिजली-पानी की प्राथमिकता को समझते हुए अनेक निर्णय लिए हैं। ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, देवास परियोजना सहित विभिन्न परियोजनाओं से जहां राज्य में जल की आपूर्ति बढ़ी हैं, वहीं किसानों को 2027 तक दिन में बिजली देने के लक्ष्य को लेकर राइजिंग राजस्थान में ऊर्जा के क्षेत्र में सर्वाधिक एमओयू किए गए हैं। राज्य सरकार प्रदेश को उत्कृष्ट और विकसित राजस्थान बनाने के संकल्प के साथ काम कर रही है।
मुख्यमंत्री के फैसलों से कर्मचारी संतुष्ट, जताया आभार
बैठक में कर्मचारियों ने एक सुर में मुख्यमंत्री का बड़ी संख्या में सरकारी नौकरी की घोषणाओं, जमीन पर उनका शीघ्र क्रियान्वयन तथा कर्मचारियों के हितों में लिए जा रहे निर्णयों के लिए आभार व्यक्त किया। कर्मचारी संगठनों ने कहा कि कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री की नीयत और नीति अच्छी है। आज कर्मचारी बहुत खुश है तथा मुख्यमंत्री द्वारा लिए जा रहे निर्णयों से उनमें संतोष का भाव है। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी भी मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की समस्याओं को जानने के लिए आमंत्रित कर निरन्तर संवाद किया है। मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि मंत्री एवं विभागीय स्तर पर भी कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। इस दौरान कर्मचारियों द्वारा वेतन विसंगति, ग्रेड-पे, पदोन्नति अवसरों का पर्याप्त सृजन, संविदाकर्मियों का नियमितीकरण, दिव्यांगों को आरक्षण, कर्मचारियों के लिए प्रोटेक्शन एक्ट सहित विभिन्न विषयों पर अपनी राय रखी। बैठक में पंचायती राज, शिक्षा, मेडिकल, सचिवालय सेवा, मंत्रालयिक सेवा, कार्मिक, आंगनबाड़ी, जलदाय विभाग, पटवारी सेवा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, कृषि सहित विभिन्न विभागों के कर्मचारी संघों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव दिए।