राजस्थान को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए निवेशकों से आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, “राजस्थान अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में निवेश के लिए एक सुनहरा अवसर प्रस्तुत करता है। राज्य में 2245 मेगावाट की क्षमता वाला दुनिया का सबसे बड़ा सौर पार्क है, यहाँ 325 दिन से अधिक धूप रहती है, हमारे पास सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्र में असीमित अवसर मौजूद हैं। हमारा लक्ष्य राजस्थान को एक एनर्जी-सरप्लस राज्य बनाना है जो न केवल प्रदेश बल्कि अन्य राज्यों और देशों की मांगों को भी पूरा करने में भी सक्षम हो।” मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि सरकार जल्द ही इंटीग्रेटेड क्लीन एनर्जी पॉलिसी 2024 लाएगी, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में कई नए संभावनाओं, जैसे कि पंप भंडारण, हरित हाइड्रोजन, बैटरी भंडारण, जैव ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा आदि क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा। श्री शर्मा ने कहा कि हस्ताक्षरित निवेश प्रस्तावों के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन से राज्य में लगभग 70000 नए रोजगार सृजित होंगे।
वहीं समिट से पहले अक्षय ऊर्जा के विविध क्षेत्रों में एमओयू होने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा, “ऊर्जा क्षेत्र ‘राइजिंग राजस्थान’ ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के तहत भारी मात्रा में निवेश जुटाने में सबसे आगे रहा है। हालांकि राज्य सौर और पवन ऊर्जा क्षेत्रों में एक प्रमुख खिलाड़ी बना हुआ है, लेकिन यह जानकर बहुत खुशी होती है कि आज बहुत सारे निवेशकों ने अक्षय ऊर्जा के नए क्षेत्रों में परियोजनाएं स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।”