प्रदेश में किडनी की बीमारी से जूझ रहे मरीजों के लिये राहत भरी खबार। उन्हे अब इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। क्योकि सरकार अब सभी जिला चिकित्सालय में 10-10 बेड वाले हीमोडायलिसिस वार्ड और गंभीर रोगों के लिए डे केयर सुविधा विकसित करने जा रही है।
चिकित्सा शिक्षा निदेशालय के अनुसार इस मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज सहित राज्य के 10 सरकारी मेडिकल कॉलेजों और उनसे संबद्ध अस्पतालों को पत्र भेजा है। पत्र के जरिए सात दिन में यह जानकारी मांगी गई है कि वर्तमान में उनके यहां हीमोडायलिसिस यूनिट की स्थिति क्या है और कितनी मशीनें उपलब्ध हैं। विभाग के अनुसार यह निर्णय बजट 2025-26 में की गई घोषणा के तहत लिया है। अब तक डायलिसिस के लिये मरिजों बड़े शहरों की ओर रूख करना पड़ता था।