केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने कहा है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार ने प्रदेश को जल आत्मनिर्भर बनाने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं। आमजन भी जल की एक-एक बूंद के महत्व को समझते हुए जल संचय में जुड़े, इस उद्देश्य से शुरू किया गया ‘कर्मभूमि से मातृभूमि’ अभियान अब एक जन आंदोलन का रूप लेता जा रहा है। उन्होने कहा कि राजस्थान के लोगों से अधिक पानी के महत्व को कोई नहीं समझ सकता है। मुख्यमंत्री की पहल पर राजस्थान के उद्यमी और भामाशाहों को इस अभियान में जोड़ने के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है। श्री पाटिल ने यह बात बुधवार को राजकीय महाविद्यालय, सांगानेर में सांगानेर विधानसभा क्षेत्र के वर्षा जल संचयन के कार्यों के भूमि पूजन के दौरान कहा।
भूमि पूजन के दौरान अपने संबोधन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि जल संचय के कार्यों के शुभारंभ के लिए बारिश आने से बेहतर और कोई शुभ संकेत नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जल संसाधनों की सीमितता को देखते हुए वर्षा जल को व्यर्थ बहने से रोकना और संरक्षित करना आवश्यक है। इसी दिशा में ‘कर्मभूमि से मातृभूमि अभियान’ संचालित किया जा रहा है, जन सहभागिता से जल संचयन के कार्यों को सशक्त बनाने के इस अभियान में प्रवासी राजस्थानियों का भी अहम सहयोग प्राप्त हो रहा है। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार और जन भागीदारी के साझा प्रयासों से सांगानेर जल संरक्षण और संवर्धन के लिए एक आदर्श बनेगा। वहीं प्रदेश के हर कोने में जल संचयन के कार्यों को गति दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक, गांव, पंचायत, कस्बा और शहर इस अभियान का हिस्सा बने और जल संरक्षण के इस पुनीत कार्य में योगदान दें।