पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने सरपंच संघ के प्रतिनिधियों के साथ उनकी मांगों पर चर्चा करते हुए कहा कि सरकार 15 अगस्त तक लगभग 1100 करोड़ रुपए से अधिक राशि सभी ग्राम पंचायतों के खाते में डाल देगी। चर्चा के दौरान पंचायती राज विभाग के शासन सचिव रवि जैन सहित मनरेगा, वित्त, सार्वजनिक निर्माण, खाद्य, नागरिक आपूर्ति और गृह विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
सरपंच संघ के प्रतिनिधियों ने अनुदान राशि के साथ मनरेगा योजना में कार्य कर रहे मेट और कारीगरों के मानदेय में वृद्धि करने की भी मांग की। प्रतिनिधियों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि मनरेगा में कार्यरत श्रमिकों की उपस्थिति ऑनलाइन के बजाय ऑफलाइन की जाए और जलजीवन मिशन हर घर में जल वितरण के लिए योजनाओं के संचालन और संधारण का उत्तरदायित्व जलदाय विभाग को देवें। उन्होने यह भी मांग कि की कुशल और अकुशल श्रमिकों के मानदेय में वृद्धि करते हुए प्रदेश में भी मध्यप्रदेश मॉडल पर सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाएं और सरपंचों का मानदेय 20 हजार रुपए करें। वहीं सरपंचों को राजमार्गों पर टोल फ्री पास देने, पंचायती राज कल्याण कोष बोर्ड बनाने और पंचायतों को अतिक्रमण हटाने के लिए पुलिस जाप्ता उपलब्ध करवाने की मांग की हैं।
बोल:— अतिरिक्त मुख्य सचिव के
राज्य सरकार उनकी मांगों को लेकर संवेदनशील है एवं गांवों के विकास को लेकर कृत संकल्पित है। इन मांगों पर यथोचित कार्यवाही की जायेगी।
अभय कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव, पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास विभाग