प्रदेश में 20 जनवरी से 15 अप्रैल तक पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन का कार्य होगा। इस दौरान ग्राम पंचायत और पंचायत समितियां के साथ जिला परिषदों के पुनर्गठन का खाका तैयार किया जायेगा। वहीं नई ग्राम पंचायत और पंचायत समितियां बनाने पर पंचायती राज संस्थाओं की सीमाओं में भी बदलाव किया जायेगा। पुनर्गठन से दूरियां खत्म होगी और आमजन को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसे कार्याें के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।
सरकार के आदेशानुसार कलेक्टर 20 जनवरी से 18 फरवरी तक प्रस्ताव तैयार कर 20 फरवरी से 21 मार्च तक आमजन से आपत्तियां मांगेगें। वहीं 23 मार्च से 1 अप्रैल तक ड्राफ्ट प्रस्ताव पर आपत्तियां और सुझावों का निपटारा किया जाएगा। और 3 अप्रैल से 15 अप्रैल तक प्रस्तावों को पंचायती राज विभाग भेजा जायेगा। नई ग्राम पंचायत और पंचायत समितियां के पुनर्गठन का आधार 2011 की जनगणना से की जायेगी। सामान्यत: नई ग्राम पंचायत के गठन के लिए 3000 से 5500 की जनसंख्या की सीमा रखी गई है।
सरकार ने रेगिस्तानी जिलों में ग्राम पंचायत के गठन के लिये छूट प्रदान की है। जिसमें अधिकतम जनसंख्या 4000 रखी गई है। रेगिस्तान जिलों बीकानेर, बाड़मेर, जैसलमेर और जोधपुर में डेढ़ लाख की आबादी और 40 से ज्यादा ग्राम पंचायत वाली पंचायत समितियों को पुनर्गठित किया जाएगा। दुसरीओर आमजन की मांग पर पंचायत क्षेत्र में बदल भी किया जा सकेगा। लेकिन क्षेत्र में ग्राम पंचायत की दूरी 6 किलोमीटर से ज्यादा नहीं होगी। नये नियमों के अनुसार अब 25 ग्राम पंचायत पर एक पंचायत समिति बनाई जायेगी
उपरोक्त सरकारी कसरत से प्रदेश में वन स्टेट वन इलेक्शन का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। इस पुनर्गठन से 8 नई जिला परिषदें भी बनेगी।
आपको बतादें कि कैबिनेट ने 28 दिसंबर 2024 को पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन के लिये फैसला लिया था। कैबिनेट के फैसले को धरातल पर लाने के लिये पंचायती राज विभाग पुनर्गठन की कसरत कर रहा है।