मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि गलती होना स्वाभाविक है लेकिन उस गलती को स्वीकार करते हुए क्षमा मांग लेना बहुत बड़ा मानवीय गुण है और सामने वाले को क्षमा करना उससे भी बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि क्षमा मांगने से कटुता और द्वेष-भाव समाप्त हो जाता है जिससे समाज में शांति एवं सद्भाव का मार्ग प्रशस्त होता है।
श्री शर्मा रविवार को ‘सामूहिक क्षमापन पर्व समारोह’ को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह दिन हमारे आत्मिक शुद्धिकरण का पर्व होने के साथ-साथ समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारियों का स्मरण भी करवाता है। जैन धर्म में क्षमा याचना का बहुत महत्व है। क्षमा याचना से आत्म-शुद्धि होती है जिससे संबंधों में सुधार होता है और मानसिक शांति तथा आध्यात्मिक विकास होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि संतों और ऋषि-मुनियों ने देश की गौरवशाली संस्कृति और परम्पराओं को संरक्षित रखने का महती कार्य किया है। मुनियों ने समाज को रास्ता दिखाया और देश की प्रगति में उनका योगदान अप्रतिम है। श्री शर्मा ने कहा कि जैन समाज के मुनि देश भर में भ्रमण कर समाज को आध्यामिक रूप से मजबूत कर रहे है।
समारोह को संबोधित करते हुए मुनि शशांक सागर, पावन सागर और समत्व सागर महाराज ने मुख्यमंत्री के व्यक्तित्व को रेखांकित करते हुए उनकी सादगी-सहृदयता की सराहना की। साथ ही, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सेवाभावी हैं, ये नाम और काम दोंनो से झलकता है।