राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संगठन कार्य का सर्वोच्च पद सरकार्यवाह का करीब डेढ़ महीने बाद मार्च में चुनाव होने के संकेत हैं। देश में केन्द्र सरकार के चुनाव से पहले मार्च महीने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की महत्वपूर्ण अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की नागपुर मुख्यालय के रेशम बाग में बैठक बुलाने की योजना तथा तैयारी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संगठन रचना में 44 प्रांत के तकरीबन 1500 प्रांतीय प्रतिनिधियो एवं श्रत्रिय, प्रांत, संघ प्रचारक, संघचालको की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक में संघ के सरकार्यवाह का निर्वाचन किया जायेगा। मौजूदा समय दत्तात्रेय होसबाल सरकार्यवाह है और एकबार फिर दत्तात्रेय होसबाल का संघ सरकार्यवाह पद पर सर्वसम्मति से निर्विरोध चुनाव होने के आसार हैं। इसके बाद प्रांत ओर श्रेत्रिय संघ संगठन कार्यकारिणी के पदों पर बड़ा बदलाव होने की संभावना है।प्रत्येक तीन साल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संविधान अनुसार स्वयम सेवकों द्वारा संघ संगठन कार्यकारिणी के पदों पर चुनाव होते है। पिछली दफे करोना महामारी काल 2021 में संघ की अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की बैठक हुई थी और करोना के कारण संघ प्रांत ओर श्रेत्रिय कार्यकारिणी के पदों पर ज्यादा बदलाव नहीं किया गया था। लेकिन अब संघ सरकार्यवाह के चुनाव बाद संघ की प्रांत तथा क्षेत्रीय कार्यकारिणी पदो में बडा बदलाव होने की पूरी उम्मीद है। कर्नाटक प्रदेश के शिमोगा के रहने वाले दत्तात्रेय होसबाल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में पहले ऐसे सरकार्यवाह है जो,संघ की शाखा की जगह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पद से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ संगठनात्मक संरचना कार्य में सर्वाधिक शक्तिशाली के पद सरकार्यवाह पर निर्वाचित हुए हैं। कर्नाटक विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी में स्नातक दत्तात्रेय होसबाल ने 1972 में भारतीय विद्यार्थी परिषद में संघ कार्य प्रारंभ किया ओर इसके बाद करीब दो दशक तक भारतीय विद्यार्थी परिषद में संघ के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री पद का दायित्व संभाला है।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक प्रचारक दत्तात्रेय होसबाल को वर्ष 2016 में पटना बिहार से उत्तर प्रदेश में संघ कार्य के हेतु लखनऊ भेजा गया था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहले लोकसभा चुनाव में उनके लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में दत्तात्रेय होसबाल ने खुद अपनी देखरेख में संघ एवं भाजपा में समन्वय स्थापित कर उल्लेखनीय काज कर उत्तर प्रदेश में लोकसभा तथा विधानसभा चुनाव में भाजपा को रिकॉर्ड सफलता दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। दत्तात्रेय होसबाल को इसके बाद संघ सह सरकार्यवाह ओर 2021 में सुरेश भैय्या जी की जगह संघ सरकार्यवाह पद का महत्वपूर्ण दायित्व प्रदान हुआ है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ओर उसके अनुषांगिक संगठन भाजपा में समन्वय स्थापित रखने के महत्वपूर्ण पद का अभी संघ में सह सरकार्यवाह अरुण कुमार को दायित्व प्रदान किया हुआ है।
दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने अपने संघ पूर्णकालिक प्रचारक कार्य का प्रारंभ देश की राजधानी दिल्ली में संघ के जिला , विभाग से प्रारंभ कर वर्ष 2004 में जम्मू-कश्मीर के संघ प्रांत प्रचारक का दायित्व सौंपा गया था। जम्मू-कश्मीर में तब तात्कालिक कांग्रेस मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने बाबा अमरनाथ श्राइन बोर्ड को भंग कर दिया था। जम्मू कश्मीर संघ प्रांत प्रचारक अरुण कुमार ने इसके खिलाफ बड़े आन्दोलन की रुपरेखा , कमान संभाल उसे फिर बहाल करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। जम्मू कश्मीर प्रांत प्रचारक अरुण कुमार की तब संघ ओर देश में खासी प्रसंशा चर्चा हुई थी।जम्मू कश्मीर संघ प्रांत प्रचारक रहते अरुण कुमार ने अपनी परिकल्पना एवं दृढ़ निश्चय से जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र नाम से एक नये संस्थान की अपनी शुरुआत कराई ओर उसका दिल्ली केन्द्र बनाया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में धारा 370 ओर 35 A को समाप्त करने की योजना, कार्य में संघ भाजपा समन्वय प्रमुख सह सरकार्यवाह अरुण कुमार की रचना होने के संकेत मिले हैं। संघ प्रचारक अरुण कुमार को 2011 में संघ में सह सम्पर्क प्रमुख ओर इसके पश्चात2021मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बेंगलूर अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा बैठक में अखिल भारतीय कार्यकारिणी में सह सरकार्यवाह ओर देश में उत्तर प्रदेश सहित 7 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव समय 2022 मे चित्रकूट में हुई राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रचारक वार्षिक बैठक में कृष्ण गोपाल के स्थान पर संघ भाजपा समन्वय प्रमुख पद का दायित्व प्रदान हुआ है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का अपना संविधान 1949 में बना ओर उसमें कूल 25 अनुच्छेद है। संघ संविधान के अनुच्छेद में प्रावधान अनुसार प्रत्येक तीन वर्ष में कार्यकारिणी पदो के चुनाव कराने से संघ 8 स्तर संगठनात्मक संरचना में इस साल दिसंबर माह तक जिला, विभाग, प्रांत संघचालक पदों के निर्वाचन करने के निर्देश दिए गए थे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 50 सक्रिय स्वयम सेवकों पर एक प्रांतीय प्रतिनिधि ओर 20 प्रांतीय प्रतिनिधि से एक अखिल भारतीय प्रतिनिधि का चुनाव किया जाता है। संघ में सभी संगठन पदों पर अमुमन सर्वसम्मति से निर्विरोध निर्वाचित होने की परम्परा रही है।
(This article popular in social media is by भूपेंद्र ओझा)