सेना में कर्नल और खिलाड़ी कोटे से राजनीति में आये खेल मंत्री राज्यवर्घन सिंह राठौड़ अभी राजनीति के खिलाड़ी नहीं बने है। सोमवार रात को एक घटना में इस बात को आंकलन करने का मौका मिला। मामला पुलिस द्वारा एक सेना के जवान को नंगा कर थाने में पीटने का है। घटना को लेकर मंत्री महोदय का सेना प्रेम जाग्रत हो गया और थाने पहुंच गये। थाने में मंत्री ने मंत्री होने का पावर दिखाकर सार्वजनिक रूप से पुलिस वालों को बेसिक प्रोटोकॉल सिखाने की कोशिश की गई थी। उन्होने पुलिस को जलिल करने की कोई कसर नहीं छोड़ी जीसका ओडियो और वीडियो सोसल मीडिया में वायरल हो रहा है। वहीं मंत्री राठौड़ ने मीडिया में दिये अपने बयान में पुलिस विभाग को गलत ठहरा दिया। मंत्री महोदय द्वारा बिना छानबीन के सार्वजनिक रूप से एक्शन लेना चर्चा का विषय है। इससे यह प्रतित होता है कि श्री राडौड़ को राजनीतिक खिलाड़ी बनने के लिये ओर मेहनत करनी पड़ेगी।
आपको बतादें की जिस फौजी के लिए मंत्री थाने गये थे वो किसी कैफे में हुक्का पार्टी कर रहा था। पुलिस ने उसके अलावा और लोगों को भी वहां पकड़ा था। फौजी द्वारा पुलिस से दादागिरी करना बताया गया था। दुसरी ओर एक ओडियों में एक आदमी द्वारा पुलिस पर जातिवाद का आरोप लगाते हुए पुलिस को घेराव करने की धमकी देते हुए सुना जा सकता है। वहीं मंत्री के मीडिया को दिये बयान में पुलिस द्वारा फौजी को नंगा कर पीटने का आरोप लगाया है।
हलांकि पुलिस द्वारा फौजी के साथ की गई हरकत भी सही नहीं थी। जैसा की मंत्री महोदय के बयान में बताया गया था। पुलिस पर एक्शन भी लेना जरूरी था। लेकिन आदर्श शिष्टाचार के तहत।