–महेश झालानी
मंत्री का दामाद कर रहा है ऑपरेशन
अपनी घनेदार मूंछो के लिए प्रदेश के काबीना मंत्री के डॉक्टर दामाद ने डाक्टरी छोड़कर मंत्रीजी के सारे लेनदेन का काम अपने हाथ मे ले लिया है। यूं डाक्टरी अच्छी भली चल रही थी। लेकिन जो मजा मंत्री के लिए उगाही में है, वैसा मजा डाक्टरी में कतई नही था। मलाई चाटते हुए देखकर दूसरे दामाद की भी जीभ ललचाने लग गई है। वैसे भी मंत्री का कारोबार काफी बढ़ता जा रहा है। लिहाजा दूसरा दामाद भी काम मे हाथ बटाने के शीघ्र ही सक्रिय होने वाला है। पुलिस निरीक्षकों तक को नियुक्ति दिलवाने के लिए मंत्री जी खासे चर्चित है ।
दिल्ली के इशारे पर लगे थे राजेन्द्र विजय
राजस्थान की सरकार को दिल्ली से चलाने वाले एक बहुत बड़े नेता का खास सिपहसालार कल एसीबी के हत्थे चढ़ गया। कलेक्टर की हैसियत रखने वाले इस अफसर को कोटा का संभागीय आयुक्त बना दिया गया। अफसर को बचाने के लिए दिल्ली का नेता सक्रिय हो गया है। लगता है अफसर पर बहुत ज्यादा आंच नही आने वाली है।
किरोड़ी की रिपोर्ट कार्ड नहीं है बेहतर
बीजेपी के वरिष्ठ नेता के बारे में अक्सर केंद्र को रिपोर्ट जाती ही रहती है। पिछली रिपोर्ट में इनके बारे में लिखा गया था कि इन्हें पब्लिसिटी हांसिल करने की आदत पड़ गई है। अब लिखा गया है कि ये अपने क्षेत्र में बहुत ज्यादा लोकप्रिय नही है। अगर ये इतने ही लोकप्रिय होते तो पूर्वी राजस्थान में बीजेपी को शर्मनाक हार का सामना नही करना पड़ता। लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इनको चुनाव जीतने के लिए हर बार नया क्षेत्र तलाशना पड़ा। इन्होंने सबसे पहला विधानसभा का चुनाव महुआ, फिर बामनवास, अगला चुनाव सवाईमाधोपुर, ततपश्चात टोडाभीम, लालसोट और हाल ही का चुनाव सवाईमाधोपुर से लड़ा था, जहां ये बहुत कम मार्जिन से जीते थे। खबर है कि दिल्ली इन पर कोई निर्णय लेने के बजाय लटकाए रखना चाहती है ।