प्रदेश में पहले भाजपा के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा का मंदिर में गंगाजल छिड़कना और अब कांग्रेस विधायक इंदिरा मीणा का भाजपा नेता के कपड़े फाड़े जाना राजनीति है या आपसी द्वेश नेताओं द्वारा इस तरह की हरकत निश्चित रूप से जनहित को प्रभावित करती है।
बामनवास विधायक श्रीमती मीणा द्वारा जिस गुंडई से भाजपा के मंडल अध्यक्ष हनुमत दीक्षित के कपड़े फाड़े हैं और धमकाते हुए कहा कि बीजेपी है तो गुंडाराज हो गया क्या, गुंडागर्दी क्यों कर रहे हो। अंबेडकर की प्रतिमा के हाथ कैसे लगाया। वाकई ये घटना राजनीति के लिये चिंता का विषय है। डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम पर विधायक की ये हरकत पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा की हरकत की याद दिलाती है।
वहीं भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा के मामले में सोमवार को जोधपुर में संचार माध्यमों के प्रतिनिधियों से कहा कि जब भाजपा की प्रारंभिक सदस्यता दी जाती है तभी यह स्पष्ट कर दिया जाता है कि लिंग, जाति व धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा। ऐसे में पूर्व विधायक का कृत्य तुरंत कार्रवाई करने वाला था जो हमने किया भी है। उनसे जवाब मांगा था जो आ गया है और अनुशासन समिति को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि उनके घर पर काम करने वाले कई दलित हैं, ऐसे में वे जातिवाद को बढ़ावा नहीं देते, लेकिन उन्होंने जो सार्वजनिक कृत्य किया है वह क्षमा योग्य नहीं है। हालांकि किसी को भी दंडित करने से पहले सुनवाई का अवसर देते हैं, इसके बाद निर्णय किया जाएगा। ऐसे में क्या कांग्रेस आलाकमान भी बामनवास विधायक मीणा के इस कृत्य पर संज्ञान लेगा।