UDH: प्रदेश में अवैध निर्माण पर नहीं मिलेगा लाइसेंस

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अवैध निर्मित भवन में अब व्यावसायिक गतिविधि संचालन नहीं हो सकेगी। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग के आदेशानुसार किसी भी तरह के लाइसेंस जैसे ट्रेड लाइसेंस, विवाह स्थल, होटल-रेस्टोरेंट, खाद्य विभाग की ओर से फूड लाइसेंस लाइसेंस शामिल हैं। कोई भी उपरोक्त तरह के लाइसेंस के लिए आवेदन करता है तो विभाग को संबंधित निकाय से भवन निर्माण की स्वीकृति और बिल्डिंग बायलॉज के अनुरूप निर्माण की स्थिति पूछनी होगी। इसके बाद ही लाइसेंस जारी किया जा सकेगा।
सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद सरकार ने ये आदेश जारी किये है। इस आदेश के तहत प्रदेश में सभी विकास प्राधिकरण, आवासन मंडल, नगर सुधार न्यास, नगर निगम, नगर परिषद और नगर पालिका को पालना करना जरूरी होगा। आदेश में विभाग ने स्थिति स्पष्ट करते हुये कहा कि जब तक भवन का अधिवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया नहीं जाएगा, तब तक बैंक-वित्तीय संस्था भी लोन नहीं देंगी और बिजली, पानी व सीवरेज कनेक्शन भी नहीं दिए जायेगें। वहीं बिल्डर भी बुकिंगकर्ता को कब्जा नहीं दे सकते। नगरीय निकाय ने दूसरी एजेंसियों को भी सहयोग करने के लिये कहा है। ऐसा नहीं करने पर जिम्मेदार अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही प्रस्तावित की गई है। वहीं निर्माणकर्ता को भवन निर्माण स्थल पर अनुमोदित भवन मानचित्र प्रदर्शित करना होगा। संबंधित अधिकारी समय-समय पर निर्माण स्थल का भी निरीक्षण करेंगे।

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