राज्य के गृह विभाग ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए सभी जिला कलेक्टर और मजिस्ट्रेट को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनन्द कुमार द्वारा जारी दिशा-निर्देश के अनुसार समस्त अस्पतालों में सभी प्रकार की आवश्यक जीवन रक्षक दवा उपलब्ध रहे, डाक्टर मय स्टाफ उपस्थित रहे और ब्लड बैंक में सभी ग्रुपों के रक्त की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध रहे। चिन्हित अस्पतालों व स्कूलों में जहां पर अस्थाई अस्पताल और लोगों के रहने की व्यवस्था की जा सकती है, वहां जनरेटरों की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाए।
सोशल मीडिया पर पूर्ण निगरानी रखें और देश के विरुद्ध भड़काऊ पोस्ट अथवा सामग्री पर तुरन्त कानूनी कार्रवाई करें जिससे कि प्रदेश में माहौल खराब न हो। जिला कलेक्टर यह भी सुनिश्चित करें कि आपात स्थिति में जिले में पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध रहे। लोग खाद्य सामग्री व अन्य आवश्यक वस्तुओ का अनावश्यक भंडारण न करें, उसके लिए लोगों को भी जागरूक करें।
जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग सुनिश्चित करेगा कि आपात स्थिति में पेयजल की पूर्ण व्यवस्था आम जन के लिए उपलब्ध हो। सीमावर्ती जिलों के संभागीय आयुक्त, महानिरीक्षक पुलिस, जिला कलेक्टर और जिला पुलिस अधीक्षक सम्बन्धित सेना व अन्य केन्द्रीय एजेन्सियों के अधिकारियों से निरन्तर सम्पर्क में रहें और समन्वय के साथ कार्रवाई करें। सीमावर्ती जिलों में जो गांव सीमा पर स्थित है, वहां आपात स्थिति में निकास की योजना भी पूर्ण रूप से तैयार रखें।
जिलों में अति संवेदनशील स्थलों की सूची को अपडेट कर उसमें अस्पताल, पावर प्लान्ट, तेल और गैस के डिपो/पाइपलाइन, धार्मिक स्थल की पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की जाए। जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक सुनिश्चित किया जाए कि पंचायत एवं ग्राम स्तर पर राज्य सरकार द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं की पूर्ण जानकारी हो और आम जन को यह विश्वास हो कि संकट की घड़ी में राज्य सरकार उनके साथ है। जिलों में अग्निशमन सेवाओं को एक्टिव मोड पर रखा जाए। जिले में संचार सेवाओं को सुचारू रखा जावे व पब्लिक एड्रेस सिस्टम पर्याप्त संख्या में चालू स्थिति में उपलब्ध रहे, जिले में समय- समय पर आपदा प्रबन्धन योजना की मॉक ड्रिल की जाए। आपदा की स्थिति में गैर सरकारी संगठन , राष्ट्रीय सेवा योजना,नेशनल कैडेट कोर की भागीदारी सुनिश्चित की जावे।