अभ्यर्थियों को भ्रमित कर अनावश्यक फार्म भरवाने वाले ई-मित्र संचालकों के विरूद्ध आरपीएससी कार्रवाई करेगा, सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग को उसका लाइसेंस निरस्त करने हेतु लिखा जाएगा। ई-मित्र संचालकों को आगाह किया जाता है कि वे किसी भी अभ्यर्थी को भ्रमित कर अनावश्यक फॉर्म भरने के लिए नहीं उकसाये। साथ ही अभ्यर्थियों को आगाह किया जाता है कि जिस पद के लिए योग्यता रखते हैं, उसी पद हेतु आवेदन करें।
आयोग सचिव ने बताया कि कई ई-मित्र संचालक अनेक भर्ती विज्ञापनों के तहत ऐसे अभ्यर्थियों के आवेदन पत्र भी भरवा देते हैं, जिनकी अभ्यर्थी योग्यता तक नहीं रखते हैं। अधिकांश अभ्यर्थियों को यह तक ज्ञात नहीं होता है कि वह उक्त पद के लिए योग्यता रखता है अथवा नहीं। अनेक ई-मित्र संचालक अन्यर्थियों को भ्रमित कर अन्य फॉर्म भरने के लिए प्रेरित करते हैं। ई-मित्र संचालक अभ्यर्थियों को आगे बढ़कर कहते हैं कि अमुक पद का विज्ञापन भी आयोग द्वारा जारी किया गया है, अतः वह फार्म भी भर देता हूं। इससे पद की योग्यता नहीं रखने वाले अभ्यर्थी द्वारा भी आवेदन कर दिये जाने से आवेदकों की संख्या बहुत अधिक हो जाती है और ऐसे अभ्यर्थी बाद में परीक्षा में सम्मिलित भी नहीं होते हैं। दूसरी और आयोग को प्राप्त आवेदनों की संख्या के आधार पर ही परीक्षा सबंधी समस्त व्यवस्थाएं करनी होती है, जिससे अनवाश्यक ही श्रम और समय नष्ट होता है।